जोड़ो के दर्द का कारण, बचाब और आयुर्वेदिक ईलाज


जोड़ों का दर्द आज के समय मे एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है। हर दूसरा तीसरा व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान है। लोगों तरह - तरह के ईलाज करने के बाद भी ठीक नही होते कुछ लोग तो बहुत परेशान हो कर घुटनों का ऑपरेशन तक करा लेते है और कुछ समय बाद फिर दर्द की परेशानी से परेशान हो जाते है। आज कल बहुत से डॉक्टर घुटनों के दर्द को ठीक करने के लिए इंजेक्शन भी लगाते है। सभी ईलाज करने के बाद भी लोग ठीक नही होते है। 

आज हम इस लेख के माध्यम से जानेगे कि आखिर जोड़ों का दर्द, घुटनों का दर्द, घुटनों में गैप क्यों बनता है। हम हमेशा इस सिद्धांत को हमेशा सभी से कहते है कि बीमारी को ठीक करने से पहले बीमारी का कारण जरूर जानें। जब तक आप किसी बीमारी का कारण नही जानेंगे तब तक उस बीमारी का पूरा ईलाज नही हो सकता है।

जोड़ों में दर्द का कारण - 

मानव शरीर पाँच तत्त्वों से बना है जिसमे जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश है। जब इन तत्वों का मानव शरीर मे संतुलन बिगड़ता है तब बीमारी जन्म लेती है। इन पांच तत्वों में मुख्य भूमिका जल, अग्नि और वायु की है। जिसको आयुर्वेद में कफ, पित्त और वात के नाम से जाना जाता है। हमारी उम्र में भी यह तीनों प्रकर्ति काम करती है। 

जन्म से 12 - 14 साल की उम्र तक शरीर मे कफ की अधिकता रहती है जिसके कारण शरीर का विकास होता है। 14 वर्ष से 30 - 32 साल तक पित्त की अधिकता होती है और 32 साल के बाद से वात अर्थात वायु की अधिकता होती है। अतः इससे निश्चित है कि उम्र के बढ़ने के साथ साथ वात रोग बढ़ता है। जब वात रोग बढेगा तो वात सम्बन्धी रोग भी होंगे। वात रोगों में जोड़ों का दर्द, पेट का रोग मुख्य रोग है। गठिया - वाय, कब्ज, बबासीर, भगंदर आदि सभी रोग वात के है या फिर ऐसा कहे कि नाभि से नीचे के सभी रोग वात रोग है।

जोड़ों  के दर्द से बचाब - 

जब मानव शरीर अग्नाशय कमजोर हो जाता है तब हमारे द्वारा खाया गया भोजन पूरी से नही पचता है जो भोजन पचता नही है वह सिर्फ सड़ता है और जब भोजन सड़ता है तो पेट मे गैस बनना शुरू हो जाती है। यदि किसी को गैस की बीमारी बन गई है तो समझ जाओ कि आपका पाचनतंत्र कमजोर हो गया है और आपको वात रोग शुरू होने लगे है । जब गैस की और कब्ज की बीमारी शुरू होती है तो रोगी पहले तो गैस की गोली या चूर्ण आदि को खा कर उस समय आराम पा लेता है लेकिन बीमारी का कारण नही ढूंढता है। यदि आप पेट और गैस का रोग बनने पर उसका कारण समझ कर अपना खान-पान, दिनचर्या और ईलाज शुरू करते है तो वात रोग ठीक हो जाता है और घुटनों व जोड़ो के दर्द बनते ही नही और अगर दर्द की शुरुआत है तो अपने आप ठीक हो जाते है।


जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार -

किसी भी रोगी को उपचार शुरू करने से पहले किसी डॉक्टर या वैध से परामर्श लेना चाहिए यदि डॉक्टर आपकी जीभ, आंख और नाड़ी आदि को देखकर आपको दवा लिखेगा तो जल्दी रिजल्ट मिलेगा यदि बीमारी पुरानी है तो डॉक्टर रोगी की अवस्था को देखकर ईलाज शुरू करेगा।

हम यहाँ आपको जोड़ों के दर्द में अति उपयोगी कुछ दवा लिख रहे जिनको आप किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करके शुरू कर सकते हैं।

जोड़ों के दर्द में उपयोगी आयुर्वेदिक दवाएं - अग्नितुण्डिवटी, त्रिकुटा चूर्ण, त्रियोग चूर्ण, पंचयोग चूर्ण, अभयारिष्ट, पुनर्नवारिष्ट आदि दवा यदि की किसी डॉक्टर के परामर्श से ली जाए तो कुछ ही दिनों में जोड़ों के दर्द में आराम मिलने लगता है और फिर दर्द ठीक हो जाता है।

 

- डॉ ए के मित्तल - फोन - 9761770770

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